Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद shiv chalisa lyricsl शारद शीश नवावैं॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
Chanting of Shiva Chalisa is completed because of the devotees so as to make sure you and have the blessings in their beloved deity – Lord Shiva.